बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory)-आधुनिक समय में वैज्ञानिकों ने केवल पृथ्वी की उत्पत्ति के स्थान पर पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में सोचना शुरू कर दिया। बिग बैंग सिद्धांत, जिसे विस्तारित ब्रह्माण परिकल्पना (Expanding Universe Hypothesis) भी कहते है। इसी सोच का परिणाम है। बिंग बैंग एक आधुनिकतम परिकल्पना है जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति को वैज्ञानिक आधार पर स्पष्ट करती है। इस परिकल्पना से पहले वैज्ञानिक यह मानते थे कि ब्रह्मांड का कोई आदि तथा अन्त नहीं है और यह अनन्त है। परन्तु बिग बैंग सिद्धांत के बाद ब्रह्मांड को अनंत नहीं माना जाता।
बिग बैंग सिद्धांत का श्रेय एडविन हब्बल (Edwin Hubble) को जाता है जिसने 1920 में यह प्रमाणित किया कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। समय बीतने के साथ आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर होती जा रही हैं। इस सिद्धांत को सबसे अधिक समर्थन तब मिला जब 1964 में आस्नों पौजियास (Arno Penzias) तथा रॉबर्ट विल्सन (Robert Wilson) ने कास्मिक रेडियेशन (Cosmic radiation) की व्याख्या की।
हम एक प्रयोग कर जान सकते हैं कि ब्रह्मांड विस्तार का क्या अर्थ है। एक गुब्बारा लें और उसपर कुछ निशान लगाएँ जिनको तुत आकाशगंगायें मान लें। जब आप इस गुब्बारे को फुलाएँगे, गुब्बारे पर लगे ये निशान गुब्बारे के फैलने के साथ-साथ एक दूसरे से दूर जाते प्रतीत होंगे। इसी प्रकार आकाशगंगाओं के बीच की दूरी भी बढ़ रही है और परिणामस्वरूप थे। ब्रह्मांड विस्तारित हो रहा है। यद्यपि आप यह पाएँगे कि गुब्बारे पर लगे चिह्नों के बीच की दूरी के अतिरिक्त, ने चिह्न स्वयं भी बढ़ रहे हैं।
बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार आरम्भ में समस्त ब्रह्मांड का पदार्थ एक छोटे गोलक (Tiny ball) पर केन्द्रित था। इसे एक एटम (single atom) अथवा एकाकी (singularity) का नाम दिया गया। एकाकी पर पदार्थ का न्यूनतम आयतन, तथा अनन्त तापमान एवं घनत्व थे। आज से लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व उस छोटे गोलक में भीषण विस्फोट हुआ और ब्रह्मांड का विस्तार होने लगा। इस समय समस्त पदार्थ तथा ऊर्जा छोटे गोलक अर्थात् एक ही विन्दु पर केन्द्रित थी। इस घटना से पहले क्या हुआ, इस का किसी को कोई अनुमान नहीं है। इस घटना के बाद ब्रह्मांड का निरंतर विस्तार होता गया और आकाशगंगाओं के बीच की दूरी बढ़ती गई। यह विस्तार आज भी जारी है। बिग बैंग के बाद एक सैकेंड के अल्पकाल में ही वृहत् विस्तार हुआ। इसके बाद विस्तार की गति धीमी पड़ गई। बिंग बैंग होने के आरंभिक तीन मिनट में ही पहले परमाणु का निर्माण हुआ।
बिग बैंग के 3 लाख वर्षों के दौरान तापमान 4500 केल्विन तक गिर गया और परमाणवीय पदार्थ का निर्माण हुआ। प्रारम्भिक अवस्था के बाद यह गुब्बारे की भांति फूल गया और इसका तापमान एवं आकार हमारे वर्तमान ब्रह्मांड के बराबर हो गया।
बिग बैंग सिद्धांत के पक्ष में प्रमाण
1. इस सिद्धांत से यह पता चलता है कि ब्रह्मांड का कोई आरंभ (beginning) था। उससे पहले कुछ भी नहीं था, परन्तु उसके बाद हमारे ब्रह्मांड की रचना हुई।
2. आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर जा रही हैं और ब्रह्मांड का आकार बढ़ रहा है।
3. इस परिकल्पना के अनुसार प्रारंभ में ब्रह्मांड बहुत गर्म था।
4. ब्रह्मांड में हाइड्रोजन तथा हीलियम जैसे हल्के पदार्थों की उपस्थिति बिग बैंग सिद्धांत के पक्ष में है।
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